रात तो वक्त की पैबंद है ढल जाएगी देखना ये है कि चरागों का सफर कितना है...
Thursday, April 16, 2009
मैं
नही
जनता
की
इस
चुनाव
में
मेरा
गाँव
किस
तरह
से
नेताओ
को
झेल
रहा
होगा
पर
इतना
जानता
हु
की
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