Sunday, October 25, 2009

उड़ान...एक सोच की

उड़ान...एक सोच की

Thursday, October 22, 2009

आखिर जिसका डर था वही हुआ...ज्यादा आत्मविश्वास उन्हें ले डूबा...अब सारा दोष कार्यकर्ताओं पर मढ़ रहे हैं...पर इससे कुछ नहीं होनेवाला...जो होना था हो गया...हुड्डा सरकार के कई मंत्री इस बार विधायक भी नहीं बन सकें। जींद से चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे पूर्व शिक्षा और परिवहन मंत्री मांगे राम गुप्ता को जनता से ज्यादा खुद पर भरोसा था, लेकिन आईएनएलडी के हरिचंद ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया और धूल चटा दी। परिवहन मंत्री मांगे राम ने पिछले लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमायी थी और मात्र 3300 वोटों से हार गए थे...इसलिए इस बार कुछ ज्यादा ही आश्वस्त नजर आ रहे थे..यही भरोसा उन्हें ले डूबा और करीब 8 हजार के भारी मतों से चुनाव हार गए। मांगेराम जींद विधानसभा से आठवीं बार चुनावी दंगल में उतरे थे। आईएनएलडी ने एक रणनीति के तहत पंजाबी समुदाय के वरिष्ठ नेता और समाजसेवी मिड्डा को उतारा था। हुड्डा सरकार के दूसरे मंत्रियों में शहरी विकास मंत्री एसी चौधरी का नाम भी आता है। फरीदाबाद एनआईटी विधानसभा क्षेत्र से चुनावी दंगल में उतरे एसी चौधरी को भी हार का मुंह देखना पड़ा और उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार पंडित शिवचरण लाल शर्मा ने करीब 78 सौ वोटों से शिकस्त दी। ये वही एसी चौधरी हैं जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में फरीदाबाद से टिकट नहीं मिलने पर बगावत का झंडा बुलंद किया था...और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा तक भेज दिया था। हार का स्वाद चखने वालों में हुड्डा सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री और मुख्यमंत्री पद के दावेदार वीरेंद्र सिंह का नाम आता है। वीरेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में वित्त मंत्री थें। हालांकि वीरेंद्र सिंह ने आईएनएलडी सुप्रीमो को कड़ी टक्कर दी लेकिन फिर भी चुनावी जंग हार गए। उचान कलां से चुनावी जंग में उतरे वीरेंद्र सिंह को उम्मीद थी कि घरेलू मैदान होने का फायदा उन्हें जरुर मिलेगा। उधर चौटाला 1999 से 2005 में इनेलो के शानदार प्रदर्शन की याद ताजा करने मैदान में उतरे थें। वीरेंद्र सिंह को ओमप्रकाश चौटाला के मुकाबले 62048 वोट मिले। पिछले 25 सालों में दोनों एक दूसरे के खिलाफ कई बार चुनाव लड़े। अब बात हुड्डा सरकार के चौथे और अंतिम सिपहसलार फूलचंद मुलाना की। मुलाना इस वक्स प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं। अंबाला जिले के मुलाना सुरक्षित सीट से खड़े मुलाना को आईएनएलडी के रणजीत सिंह बरारा ने 2937 वोटों से हराया। जुलाई 2007 में प्रदेश कांग्रेस का बागडोर संभालनेवाले मुलाना हुड्डा सरकार में मंत्री थें। उनकी हार प्रदेश कांग्रेस के लिए करारी चोट मानी जा रही है

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