Friday, March 25, 2011

लैपटॉप लो, वोट दो

लगभग ढाई हजार साल पहले ग्रीक फिलॉस्फर अरस्तू ने आशंका जाहिर की थी कि लोकतंत्र भीड़तंत्र में तब्दील हो सकता है....राजनेता लोगों को लालच देकर बरगला सकते हैं...पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में ग्रीक फिलॉस्फर की आशंका सही साबित होती दिख रही है.....अगर आप तमिनाडु के या फिर केरल के मतदाता हैं...तो ये दिल मांगे मोर कहने से कतई गुरेज नहीं करेंगे...बात ही ऐसी है....क्योंकि इन राज्यों के राजनीतिक पार्टियों ने कहा है कि गिफ्ट लो और वोट दो...जी हां, वोट दो और नोट लो की बातें अब पुरानी पड़ गई है....इसलिए अब बात हो रही है वोट दो और लैपटॉप लो.....वोट दो और फ्रीज लो...वोट दो और मंगलसूत्र लो.....ये नए जमाने के लुभावने और चुनावी नारे हैं....मासूम जनता को छलने के लिए और ठगने के लिए ताजातरीन रिश्वत है....अब ये जनता की विवेक पर निर्भर है कि एक अदना सा वोट के बदले उसे क्या चाहिए....सड़क, बिजली और पानी का आश्वासन चाहिए या फिर ठंडा पानी पीने के लिए फ्रीज....पेट में अन्न का दाना भले ही नहीं हो....लेकिन उंगलियों को लैपटॉप पर घूमाने के लिए पूराका पूरा भरोसा....पीने के लिए नल से पानी नहीं आता हो...लेकिन चिंता की कोई बात नहीं....नेताजी अगर सत्ता में आ गए तो सबको मिलेगा मिनरल वाटर...कितने दिनों तक फिलहाल पता नहीं....चलिए अब आते हैं असली बात पर....चुनावी मौसम आ गया है...इसलिए नेताओं में भी गिरगिट की तरह रंग बदलने की होड़ सी मच गई है...महत्वकांक्षाएं दुबारा कुलांचे मारने लगी है... पांच साल तक सत्ता से चिपने रहने और भ्रष्टाचार में नाक तक डूबे रहने के सपने आंखों में तैरने लगे हैं....अगले महीने तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव है...इसलिए राजनीतिक पार्टियों के नए पैतरें शुरु हो चुके हैं....सबसे पहला दांव चला मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने....फिर से सत्ता को हासिल करने के लिए उन्होंने घोषणा की...अगर उनकी पार्टी सत्ता में लौटते हैं तो वे छात्रों को लैपटॉप मुफ्त में बाटेंगे.....महिलाओं के लिए भी चारा फेंकने में कोई हिल हुज्जत नहीं की....और उनको दिया जाएगा मुफ्त में मिक्सर ग्राइंडर...साथ में 35 किलो चावल फ्री....अब भला अम्मा यानी की जयललिता कहां चूकने वाली थी...सो उन्होंने भी अपना ट्रंप कार्ड फेंका....उनका पैंतरा अपने प्रतिद्वंद्वी करुणानिधि से थोड़ा सा दमदार था....उन्होंने महिलाओं का नब्ज पकड़ते हुए उनके लिए मंगलसूत्र और चालीस ग्राम सोना मुफ्त देने का वादा किया....बीपीएल परिवारों के लिए मिनरल वाटर, ग्यारहवीं और बारहवीं के छात्रों के लिए लैपटॉप और साथ ही गरीबों के लिए 20 किलो अनाज मुफ्त मुफ्त मुफ्त....अब जरा इस राज्य से इतर केरल पर नजर दौड़ाते हैं....लोकतंत्र का मजाक उड़ाने में यहां के राजनीतिक दल भी पीछे नहीं है....कांग्रेस नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंड ने चुनावी जीत होने पर 36 लाख नौकरियां, बीपीएल परिवारों के लिए एक रुपये प्रति किलो चावल और दसवीं के छात्रों के लिए मुफ्त में साइकिल देने का चारा फेंका है.....पश्चिम बंगाल में ममता अभी तक कांग्रेस से समझौते में लगी थीं....वो तो हो गया....अगर वो भी कोई नई तान छेड़ दें तो आश्चर्य नहीं....रही बात असम और पुडुचेरी की तो वहां का पूरा परिदृश्य ही अलग है...जरा सोचिए लोकतंत्र का इससे बड़ा भद्दा मजाक क्या हो सकता है....जहां जनता की वोट को बिकाउ करार दिया जाता है...जहां के कानून को ताक पर रखकर लोगों को रिश्वत खिलाई जा रही है...आखिर क्यों नहीं...एक बार रिश्वत खिलाओ...और पूरे पांच साल तक रिश्वत बटोरो...लोकतंत्र के इन पहरुओं के पास जनता की बुनियादी जरूरतों की कोई फिक्र नहीं है....फिक्र है तो सिर्फ और सिर्फ सत्ता से जन्म जन्मांतर तक चिपके रहने की...ताकि उनकी आने वाली कई पीढ़ियों का फ्यूचर संवारा जा सके....जनता जाए भाड़ में...काहे का जनता जनार्दन....काहे का लोकतंत्र

Saturday, March 5, 2011

ड्राइविंग सीट पर अदालत

इस देश में कितने गरीब...खाने के लिए दो वक्त की रोटी नहीं, तन ढकने के लिए कपड़े नहीं और सिर छुपाने के लिए छत नहीं....योजनाएं बनती है गरीबों के लिए, लेकिन तिजोरी भरती है अमीरों की...गरीब और भी गरीब....अमीर और भी अमीर, इतना अमीर कि उसे अपनी दौलत दौलत छुपाने के लिए देश में जगह कम पड़ जाती है...मजबूरन उसे अपनी दौलत विदेशों में रखनी पड़ती है....जहां उसपर किसी की भी नजर ना पड़े....और हमारे देश का कानून तो देखिए.....कानून कहता है, चोर की जगह सलाखों के पीछे होना चाहिए....होता भी है...बल्कि खूब होता है....कोई किसी का जेब तराश ले, तो सड़ो छह महीने जेल में...किसी का माल उड़ा लिए, तो सलाखों से कोई नहीं बचा पाएगा....और तो और, कोई आम आदमी सरकार के हजार दो हजार रुपये टैक्स चुरा लिये....तो उसे भी थमा दी जाती है कानूनी नोटिस, जुर्माना भरो....या फिर जाओ जेल में....आखिर क्यों नहीं अपराधी जो ठहरा....लेकिन जरा सोचिए....अगर किसी को हजार दो हजार के लिए जेल मिल सकती है....तो सरकार के हजारों करोड़ रुपये चुराने वालों का क्या हश्र होना चाहिए....अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है....लेकिन इस देश में ऐसा कुछ नहीं होता....कानून तो छोटे मोटे अपराधियों के लिए ही होता है....बड़े अपराधियों तक वो पहुंच ही पाता...अगर पहुंच भी जाता है, तो कानून का पालन कराने वाले उसका गिरेबान पकड़ने के बजाय, उसके आगे दुम हिलाते नजर आते हैं....यही हमारे देश की तकदीर है....यही हमारे देश की तस्वीर है....हम आपको मिलाते हैं एक ऐसे ही शख्सियत से....ये हैं हसन अली....सैयद मोहम्मद हसन अली खान....पुणे में स्टड फॉर्म चलाते हैं.... हवाला कारोबार और मनी लॉंडरिंग के जरिए अकूत दौलत बनाई...अरबो डॉलर विदेशी बैंकों में जमा किए...एक अनुमान के मुताबिक करीब 8 अरब डॉलर.....लेकिन देश में इन्होंने अपनी कमाई पर कोई टैक्स नहीं चुकाया....1999 से ही कोई टैक्स जमा नहीं की....देश का पैसा चुराकर विदेशों में रख दिया....लेकिन सरकार ने इनपर शिकंजा कसने की कतई जरूरत नहीं समझी.....सरकार की नींद खुली जब काले धन को लेकर हो हल्ला मचने लगा...इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और प्रवर्तन निदेशालय सक्रिय हुआ....हालांकि आयकर विभाग ने 31 दिसंबर 2008 को नोटिस जारी कर, विदेशी बैंकों में जमा रकम का खुलासा नहीं करने के आरोप में 40 हजार करोड़ रुपये बतौर टैक्स की मांग की थी...लेकिन ये मांग सिर्फ नोटिस तक ही सीमित रही....पैसे वसूलने के लिए कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई...कोई कार्रवाई नहीं की गई....कभी कभी छापेमारी का दौर चलता रहा...लेकिन बात इससे आगे नहीं बढ़ी....कहा गया कि वो देश से फरार हो चुका है....लेकिन कहने वाले कहते रहे...देखने वाले देखते रहे...कि इस दौरान हसन अली भारत में ही मौजूद रहा....इनकम टैक्स के समन जारी करने के बाद हसन अली आईटी के सामने पिछले महीने के 18 तारीख को पेश हुआ...पूछताछ हुई लेकिन गिरफ्तारी नहीं की गई...जाहिर है सरकार इस मामले में ढीला रवैया अपनाती रही है....आखिरकार सरकार के इस रवैये से तंग आकर सुप्रीम कोर्ट को ही आगे आना पड़ा...इस मसले पर 3 मार्च यानी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को तगड़ी फटकार लगाई...और सरकार से सवाल पूछा कि आखिर किन वजहों से हसन अली को गिरफ्तार नहीं किया गया....और क्या आजादी सिर्फ ऐसे ही लोगों के लिए है....इसी तरह सीवीसी पीजे थॉमस की नियुक्ति को अवैध ठहराकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार पर सवालिया निशान लगा दिया....सवाल उठता है...कि क्या सरकार को उसकी जिम्मेदारी का एहसास दिलाने के लिए अदालतों को ही आगे आना पड़ेगा....क्या सरकार का काम सिर्फ शासन करना भर रह गया है....जिस काम को सरकार को करना चाहिए था...उस काम को अदालतें करेंगी....अब तो लोग सरकार से उम्मीदें कम....अदालतों से ज्यादा करने लगे हैं....आखिर ऐसा क्यों 

Wednesday, March 2, 2011

अमेरिका में दाडी यात्रा-2

12 मार्च 1930...भारतीय इतिहास का यादगार दिन.....इसी दिन महात्मा गांधी ने मात्र 78 स्वयंसेवकों के साबरमती आश्रम से दांडी यात्रा शुरु की थी....शुरुआती दौर में ब्रिटिश हुकुमत के लिए भले ही ये पहले लगी हो....कि जिस यात्रा का अंत सिर्फ नमक बना कर खत्म होता हो...उससे ब्रिटिश सम्राज्य को क्या खतरा हो सकता है....लेकिन जल्द ही अंग्रेजों को एहसास हो गया कि ये सिर्फ यात्रा ही नहीं....बल्कि एक मुट्ठी नमक बनाकर ब्रिटिश हुकुमत से अंहिसापूर्वक लड़ने के लिए करोड़ों भारतीयों के दिलों में विश्वास पैदा करना भी था....6 अप्रैल 1930 को दांडी यात्रा खत्म होते होते ये यात्रा एक जन आंदोलन का रुप पकड़ चुकी थी....आज दांडी यात्रा का एक बार फिर जिक्र आ रहा है...और इस बार ये जिक्र भारत से नहीं बल्कि एक परायी धरती से निकलकर सामने आ रहा ...वो भी भारत के लिए....अंग्रेजों से लड़ने के लिए नहीं....बल्कि भारत में फैले भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए...जी हां....अमेरिका में अप्रवासी भारतीयों के एक समूह ने अमेरिकी धरती पर एक दांडी यात्रा शुरु करने का फैसला किया है...ये यात्रा भी उसी तारीख से शुरु होगी...जिस दिन महात्मा गांधी ने शुरु किया था...यानी 12 मार्च....दांडी की तरह इस यात्रा में भी 240 मिल पैदल ही दूरी तय की जाएगी....यात्रा की शुरुआत कैलिफोर्निया के सेन डियोगो स्थित मार्टिन लूथर किंग जूनियर मेमोरियल पार्क से होगी.....और लॉस एंजिल्स होते हुए 26 मार्च को सन फ्रांसिस्को स्थित गांधी मूर्ति के पास खत्म होगी....भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरु हो रही इस दांडी यात्रा दो में अमेरिका के सभी बड़े शहरों के अप्रवासी भारतीयों के अलावा...भारत के 10 शहरों और दुनिया भर के 8 देशों से लोग हिस्सा लेंगे....इस यात्रा के आयोजकों के मुताबिक दांडी यात्रा दो का मकसद भारत को भ्रष्टाचार से निजात दिलाना है....साथ ही भारत की सरकार को जनलोकपाल बिल और यूनाइटेड नेशन कंन्वेंशन अगेंस्ट करप्शन का अनुमोदन करना है....इस दांडी यात्रा दो में भारत के कई संगठनों का भरपूर समर्थन मिल रहा है...जिनमें से एंटी करप्शन मूवमेंट के अलावा लोकसत्ता पार्टी, इंडिया अगेंस्ट करप्शन, द फिफ्थ पिलर, यूथ फॉर बेटर इंडिया, साकू और सेव इंडिया करप्शन शामिल है

Pages