Saturday, February 19, 2011

जेपीसी पर दांवपेंच

 खूब हो हल्ला मचा, खूब बयानबाजी हुई...सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही...तो विपक्ष अपना राग अलापता रहा...पूरा शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया...जनता की गाढ़ी कमाई बर्बाद होती रही...और सरकार तमाशा देखती रही...लेकिन लगता है कि अब सरकार को भी होश आ गया है....कहीं तीन महीने तक चलने वाला बजट सत्र भी खाक ना हो जाए...इसलिए टूजी स्पेक्ट्रम पर जेपीसी गठन को लेकर सरकार की तरफ से सुगबुगाहट भी तेज हो गई है...इसका संकेत तो शुक्रवार को ही संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने दे दिया था...जाहिर है सरकार भी पूरी तरह मन बना चुकी है...कि जेपीसी के गठन किए बिना बजट सत्र नहीं चलने वाला...लेकिन ऐसा भी नहीं कि सरकार ने विपक्ष के आगे घुटने टेक दिए हो....क्योंकि जेपीसी का गठन का दायरा सिर्फ टूजी स्पेक्ट्रम तक सीमित होगा...यानी कि दूसरे मामलों को इसके तहत लाने के लिए विपक्ष की मांग पर विचार ही नहीं किया जाएगा....जेपीसी गठन के बाद ही सरकार गेंद को अपने ही पाले में रखना चाहती है...और इसके लिए,  गठन से पहले ही इसकी काट भी तलाशनी शुरु कर दी है...वजह साफ है...अगर समिति बनती है तो इसमें कांग्रेस का पलड़ा दूसरी पार्टियों के मुकाबले कम होगा....क्योंकि लोकसभा में इस वक्त 37 पार्टियां हैं....लेकिन जेपीसी में केवल 8 या 9 पार्टियों को ही जगह मिल पाएगी....इसमें से ज्यादातर सदस्य टूजी स्पेक्ट्रम पर सवाल उठाने वालों में से होंगे...यानी की कांग्रेस और उसके सहयोगी दल किसी भी कीमत पर जेपीसी में अलग थलग नहीं पड़ना चाहते...जाहिर है अगर सरकार को दूसरे दलों से इस मुद्दे पर समर्थन हासिल हो जाता है....तो अपना वर्चस्व कायम रखने में भी सहूलियत होगी....और इसके लिए सरकार ने कवायद भी शुरु कर दी है...गृहमंत्री पी चिदंबरम से समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव की शुक्रवार को हुई मुलाकात भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा..फिलहाल सोमवार से शुरु होने वाले बजट सत्र के पहले दिन इस पर चर्चा कराए जाने की संभावना है...और इसके अगले दिन यानी कि 22 फरवरी को सरकार लोकसभा में जेपीसी का प्रस्ताव पेश कर सकती है

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