Saturday, March 5, 2011

ड्राइविंग सीट पर अदालत

इस देश में कितने गरीब...खाने के लिए दो वक्त की रोटी नहीं, तन ढकने के लिए कपड़े नहीं और सिर छुपाने के लिए छत नहीं....योजनाएं बनती है गरीबों के लिए, लेकिन तिजोरी भरती है अमीरों की...गरीब और भी गरीब....अमीर और भी अमीर, इतना अमीर कि उसे अपनी दौलत दौलत छुपाने के लिए देश में जगह कम पड़ जाती है...मजबूरन उसे अपनी दौलत विदेशों में रखनी पड़ती है....जहां उसपर किसी की भी नजर ना पड़े....और हमारे देश का कानून तो देखिए.....कानून कहता है, चोर की जगह सलाखों के पीछे होना चाहिए....होता भी है...बल्कि खूब होता है....कोई किसी का जेब तराश ले, तो सड़ो छह महीने जेल में...किसी का माल उड़ा लिए, तो सलाखों से कोई नहीं बचा पाएगा....और तो और, कोई आम आदमी सरकार के हजार दो हजार रुपये टैक्स चुरा लिये....तो उसे भी थमा दी जाती है कानूनी नोटिस, जुर्माना भरो....या फिर जाओ जेल में....आखिर क्यों नहीं अपराधी जो ठहरा....लेकिन जरा सोचिए....अगर किसी को हजार दो हजार के लिए जेल मिल सकती है....तो सरकार के हजारों करोड़ रुपये चुराने वालों का क्या हश्र होना चाहिए....अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है....लेकिन इस देश में ऐसा कुछ नहीं होता....कानून तो छोटे मोटे अपराधियों के लिए ही होता है....बड़े अपराधियों तक वो पहुंच ही पाता...अगर पहुंच भी जाता है, तो कानून का पालन कराने वाले उसका गिरेबान पकड़ने के बजाय, उसके आगे दुम हिलाते नजर आते हैं....यही हमारे देश की तकदीर है....यही हमारे देश की तस्वीर है....हम आपको मिलाते हैं एक ऐसे ही शख्सियत से....ये हैं हसन अली....सैयद मोहम्मद हसन अली खान....पुणे में स्टड फॉर्म चलाते हैं.... हवाला कारोबार और मनी लॉंडरिंग के जरिए अकूत दौलत बनाई...अरबो डॉलर विदेशी बैंकों में जमा किए...एक अनुमान के मुताबिक करीब 8 अरब डॉलर.....लेकिन देश में इन्होंने अपनी कमाई पर कोई टैक्स नहीं चुकाया....1999 से ही कोई टैक्स जमा नहीं की....देश का पैसा चुराकर विदेशों में रख दिया....लेकिन सरकार ने इनपर शिकंजा कसने की कतई जरूरत नहीं समझी.....सरकार की नींद खुली जब काले धन को लेकर हो हल्ला मचने लगा...इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और प्रवर्तन निदेशालय सक्रिय हुआ....हालांकि आयकर विभाग ने 31 दिसंबर 2008 को नोटिस जारी कर, विदेशी बैंकों में जमा रकम का खुलासा नहीं करने के आरोप में 40 हजार करोड़ रुपये बतौर टैक्स की मांग की थी...लेकिन ये मांग सिर्फ नोटिस तक ही सीमित रही....पैसे वसूलने के लिए कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई...कोई कार्रवाई नहीं की गई....कभी कभी छापेमारी का दौर चलता रहा...लेकिन बात इससे आगे नहीं बढ़ी....कहा गया कि वो देश से फरार हो चुका है....लेकिन कहने वाले कहते रहे...देखने वाले देखते रहे...कि इस दौरान हसन अली भारत में ही मौजूद रहा....इनकम टैक्स के समन जारी करने के बाद हसन अली आईटी के सामने पिछले महीने के 18 तारीख को पेश हुआ...पूछताछ हुई लेकिन गिरफ्तारी नहीं की गई...जाहिर है सरकार इस मामले में ढीला रवैया अपनाती रही है....आखिरकार सरकार के इस रवैये से तंग आकर सुप्रीम कोर्ट को ही आगे आना पड़ा...इस मसले पर 3 मार्च यानी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को तगड़ी फटकार लगाई...और सरकार से सवाल पूछा कि आखिर किन वजहों से हसन अली को गिरफ्तार नहीं किया गया....और क्या आजादी सिर्फ ऐसे ही लोगों के लिए है....इसी तरह सीवीसी पीजे थॉमस की नियुक्ति को अवैध ठहराकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार पर सवालिया निशान लगा दिया....सवाल उठता है...कि क्या सरकार को उसकी जिम्मेदारी का एहसास दिलाने के लिए अदालतों को ही आगे आना पड़ेगा....क्या सरकार का काम सिर्फ शासन करना भर रह गया है....जिस काम को सरकार को करना चाहिए था...उस काम को अदालतें करेंगी....अब तो लोग सरकार से उम्मीदें कम....अदालतों से ज्यादा करने लगे हैं....आखिर ऐसा क्यों 

No comments:

Post a Comment

Pages